मंडला। जिले में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को पांचवें दिन भी जारी रही। स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है और मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। जिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्र तक स्टाफ की कमी से हालात बिगड़ गए हैं। (Mandla News)
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की देखभाल पर पड़ा है। जिले के 311 सीएचओ और 137 संविदा एएनएम अपनी मांगों को लेकर ड्यूटी से अनुपस्थित हैं। टीकाकरण, नियमित जांच और जन्म प्रमाण पत्र जैसे जरूरी काम भी प्रभावित हुए हैं। (Mandla News)
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. मुकेश झारिया ने बताया कि कर्मचारी 22 अप्रैल से हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि शासन की ओर से दबाव बनाए जाने के बावजूद वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
मंत्री संपतिया उइके को सौंपा गया मांग पत्र
शनिवार को संविदा कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके को ज्ञापन सौंपा। मंत्री ने मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
हड़ताल के चौथे दिन कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप एमडी एनएचएम के आदेशों की होली जलाई थी। (Mandla News)
फिलहाल मंडला जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के सामान्य होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए परेशान हैं।